जाति जनगणना रिपोर्ट जारी होने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होनी है, लेकिन इससे कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। यह बैठक सचिवालय के मुख्य सभागार में शुरू हुई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं।
छह दिन पूर्व दवा व्यवसायी शहर के दवा मंडी से दवा लाने गए थे लेकिन अब तक घर नहीं लौटे। अब उनकी पत्नी ने थाना में आवेदन देकर अपने पति की खोजबीन के लिए पुलिस से गुहार लगाई है। मामला गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र की है। पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। दवा व्यवसायी विष्णुपद थाना क्षेत्र के बहुआर चौरा मोहल्ला के रहने वाले पुरुषोतम पाठक के पुत्र विश्वरंजन पाठक हैं।
दवा मंडी से दवा व्यवसायी लापता
टिकारी थानाक्षेत्र स्थित रिकाबगंज मुहल्ले में विश्वरंजन पाठक की दवा की दुकान है। सोमवार को विश्वरंजन पाठक शहर के दवा मंदी से दवा लाने गये थे तब से वह लापता हैं। विश्व रंजन पाठक की पत्नी प्रियंका कुमारी ने थाने में शिकायत दर्ज कराया है। साथ ही गया पुलिस से लापता पति को ढूंढने की गुहार भी लगायी है।
पत्नी से एकबार बात हुई फिर बंद हो गया मोबाइल
परिजनों का कहना है कि विश्वरंज पाठक बीते 26 सितंबर को टिकारी से गया शहर दवा मंडी दवा खरीदारी करने गए थे, जिसके बाद वह अब-तक नहीं लौटे। उनकी पत्नी प्रियंका की आखिरी बात 28 सितंबर को हुई थी। बातचीत के दौरान विश्वरंजन ने गया स्टेशन के पास होने और रात तक घर वापस आने की बात कही थी लेकिन, उसके बाद वह घर वापस नहीं लौटे। पत्नी प्रियंका का कहना है कि वह अब जब भी अपने पति के मोबाइल पर फोन करती है तो मोबाइल बंद ही बता रहा है। प्रियंका ने बताया कि मुझे किसी अनहोनी का डर सता रहा है।
छानबीन में जुटी पुलिस
इस संबंध में टिकारी डीएसपी गुलशन कुमार का कहना है कि सोमवार को इस बात की जानकारी मिली है कि दवा व्यवसायी विश्वरंजन पाठक लापता हैं। पत्नी प्रियंका देवी के शिकायत पर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। शीघ्र ही मामले को सुलझा लिया जाएंगा।
आज मंगलवार को जाति आधारित जनगणना में साथ रहे दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक होगी। यह बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होगी जिसमें जाति जनगणना के रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री सभी दलों से बात करेंगे। उस डाटा के अनुसार अगड़ी जाति और बनिया जाति के जो आंकड़े दिखाए गये हैं उनको लेकर आज भाजपा विरोध जताएगी। सर्वदलीय बैठक के दौरान भाजपा उन आंकड़ों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
घटनास्थल पर जांच में जुटी पुलिस – फोटो : सोशल मीडिया
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मुजफ्फरपुर में एक महिला की र्ध नग्न अवस्था में लाश मिलते ही सनसनी फैल गई। मामला नगर थाना क्षेत्र के पंकज मार्केट इलाके की है। लाश मिलते ही स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। स्थानीय लोगों का कहना है कि शव को देखने के बाद ऐसा लगता है कि बदमाशों ने उस महिला के साथ दुष्कर्म कर के उसकी हत्या कर दी है।
आरएलजेडी नेता सह पूर्व विधायक रणविजय कुमार – फोटो : अमर उजाला
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उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) के वरीय नेता और औरंगाबाद के गोह के पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार भीषण सड़क हादसे में घायल हो गए हैं। वे बाल-बाल बचे हैं। उन्हें साधारण चोटें आई हैं। उनका गया के निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। हादसा गया में ही हुआ। घटना रविवार देर रात की है।
बाइक सवार को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व विधायक रणविजय कुमार अपनी कार में सवार थे। इसी दौरान उनके वाहन के सामने एक बाइक सवार आ गया। कार चालक द्वारा बाइक सवार को बचाने के चक्कर में वाहन सड़क के डिवाइडर से जा टकराया। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार के दाहिनी तरफ के टायर का एक्सेल अलग हो गया। दुर्घटना में वाहन का दाहिना हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं, पूर्व विधायक घायल हो गए। उन्हें साधारण लेकिन अंदरूनी चोटें आई हैं। उनका गया के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। इलाज के बाद उनकी हालत खतरे से बाहर है।
नक्सलियों के टारगेट पर हैं पूर्व विधायक
बताया जा रहा है कि गोह के पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार नक्सलियों के निशाने पर हैं। पिछले साल ही माओवादियों ने उनके खिलाफ पोस्टरबाजी की थी। पोस्टर लगाने के बाद पूर्व विधायक ने भी नक्सलियों को सामने आकर दो-दो हाथ कर लेने की चुनौती दी थी। पूर्व विधायक की उम्र 70 साल से अधिक है, लेकिन उनके बेहतर स्वास्थ्य को देख कर ऐसा नहीं लगता।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और सीएम नीतीश कुमार। – फोटो : अमर उजाला
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बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया। किस जाति और धर्म के लोगों की कितनी आबादी है, इसका भी आंकड़ा जारी कर दिया है। गांधी जंयती के मौके पर जाति आधारित आंकड़े जारी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।
राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
अब धर्म और जाति को बांटकर समझ लीजिए
लालू बोले- जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। भाजपा की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। यह आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेंगे। सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सत्ता से बेदखल करेंगे।
तेजस्वी बोले- दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया
इधर, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जाति आधारित रिपोर्ट जारी होने के बाद कहा कि कम समय में जाति आधारित सर्वे के आँकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया। इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किये हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी। इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रुकावट डालने की कोशिश की। बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है। सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंजिलों के लिए। आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नहीं है। बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगी।
मृतक मो. गुलाब अंसारी, पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े परिजन – फोटो : अमर उजाला
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बिहार के समस्तीपुर जिले के वारिसनगर थाने के वृंदावन गाछी के पास रविवार रात हुए सड़क हादसे में घायल वार्ड सदस्य पति की मौत सोमवार सुबह दरभंगा के डीएमसीएच में हो गई। मृतक की पहचान वारिसनगर थाने के धनहर मिल्की वार्ड दो निवासी मो. अहमद अंसारी के बेटे मो. गुलाब अंसारी (31) के रूप में की गई है। उनकी पत्नी गुलशन परवीर पंचायत के वार्ड दो से वार्ड सदस्य हैं। अहमद की मौत होने पर परिवार के लोग शव लेकर वापस समस्तीपुर आ गए। वारिसनगर पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है।
जानकारी के मुताबिक, मो. गुलाब अंसारी रविवार देर शाम स्कूटी से घरेलू सामान लेकर समस्तीपुर से वापस वारिसनगर के धनहर गांव लौट रहे थे। इसी दौरान वृदांवन गाछी के पास वारिसनगर की ओर से आ रही एक मैजिक से उनकी सीधी टक्कर हो गई। इस घटना में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हल्ला होने पर जुटे आसपास के लोगों ने उन्हें तत्काल निजी डॉक्टर के यहां भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने डीएमसीएच ले जाने की सलाह दी। रात में ही परिजन गुलाब को डीएमसीएच दरभंगा ले गए।
डीएमसीएच में उपचार के दौरान हुई मौत
बताया गया है कि डीएमसीएच में तड़के उपचार के दौरान गुलाब की मौत हो गई। उसके बाद परिवार के लोग शव को दरभंगा से लेकर समस्तीपुर लौट आए। उधर, इस मामले में सूचना के बाद वारिसनगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है। उधर, इस घटना के बाद परिवारिक सदस्यों के बीच कोहराम मच गया।
वारिसनगर थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस ने स्कूटी और मैजिक जब्त कर ली हैं। हालांकि मैजिक का चालक फरार हो गया।
बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है। वहीं, 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है। वहीं, अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। जो 2011 की जनगणना में महज 15.9 फीसदी थी। वहीं, सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 फीसदी है।
बड़ी बात यह है कि 2011 में हुई जनगणना में राज्य की कुल आबादी 10 करोड़ 40 लाख 99 हजार 452 थी। जो इस सर्वे में बढ़कर 13 करोड़ सात लाख 25 हजार 310 हो गई है। इस तरह बीते 12 साल में राज्य की आबादी में 25.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी में 15.9 फीसदी आबादी दलित और 1.3 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की थी। नए जातिगत सर्व में दलित आबादी 19.65 फीसदी हो गई है। वहीं, आदिवासी आबादी का आंकड़ा भी बढ़कर 1.68 फीसदी हो गया है।
जहां तक पिछड़े वर्ग की बात है तो जातिगत जनगणना से पहले माना जाता था कि राज्य में 51 से 52 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की है। जातिगत जनगणना में यह आंकड़ा 63.13 फीसदी से भी ज्यादा बताया गया है। वहीं, राज्य की 30 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की मानी जाती थी। जातीय जगनणना में यह आंकड़ा महज 15.52 फीसदी ही बताया गया है।
बिहार की जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट में क्या है? आज जारी हुए आंकड़े क्या कहते हैं? रिपोर्ट के खास बिंदु क्या हैं? आइये जानते हैं…
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद किन्नरों में आक्रोश है। (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला
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जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को बिहार सरकार ने सार्वजनिक कर दी है। अब रिपोर्ट आने बाद सबसे पहले किन्नर एसोसिएशन ने सवाल खड़े कर दिए। उनका कहना है कि महागठबंधन सरकार ने बिहार में ट्रांसजेंडर की आबादी मात्र 825 ही बताई है। यह गलत है। किन्नर समाज के साथ भेदभाव और अन्याय किया गया है। बिहार सरकार इसकी समीक्षा करे और फिर से सही रिपोर्ट प्रकाशित करे।
किन्नर एसोसिएशन की रेशमा प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर की संख्या गलत बताई गई है। इतने किन्नर तो केवल पटना के टोल प्लाजा, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर दिख जाएंगे। 2500 से 3000 किन्नर केवल पटना में हैं। रेशमा ने कहा कि मैं बिहार सरकार पर सवाल नहीं उठा रही हूं। लेकिन, जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वह गलत हैं। ऐसे आंकड़े को किन्नर समाज स्वीकार नहीं कर पाएगी। पूरे बिहार में मात्र 825 ही किन्नर है, यह आंकाड़ा गलत है।
सरकार ने जो भद्दा मजाक किया, उसका सुधार जल्द से जल्द हो
रेशमा प्रसाद ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार थर्ड जेंडर का भला नहीं चाह रही है। इसलिए इतनी कम संख्या दिखा रही है। सीएम नीतीश कुमार से मांग हैं कि फिर से थर्ड जेंडर की गिनती हो। ताकि सही आंकड़ा निकल कर सामने आ सकते। सरकार ने जो भद्दा मजाक किया, कम से कम उसका सुधार जरूर करे।
बिहार में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट आने के बाद उसके प्रति अविश्वास और अंधविश्वास की एक बड़ी लड़ाई छिड़ गई है। जिन जातियों के लोगों की संख्या अच्छी और बढ़ी हुई बताई जा रही है, उन आंकड़ों पर कुछ लोगों को अंधविश्वास हो रहा है, जबकि जिनके आंकड़ों ने उनके जातिगत वजूद पर सवाल उठाया है, वह इसे न केवल फर्जी बता रहे हैं बल्कि पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहे हैं। जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के कुछ ही घंटे के अंदर सोशल मीडिया पर यह दो तरह की बातें वायरल हो रही हैं। ऐसे में अमर उजाला ने कई लोगों से इस संबंध में बातें की जिसपर सभी ने अपनी अपनी राय दी।
आँकड़े सही नहीं
समस्तीपुर जिला के जाने माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमेंदु मुखर्जी का कहना है कि बिहार में जातिय जनगणना जरुरी नहीं था। इससे फायदा से ज्यादा नुकसान है। मेरे हिसाब से यह आंकड़ा सही नहीं है। जनगणना पर हुए खर्च को अगर विकास कार्य पर खर्च किया गया होता तो ज्यादा बेहतर होता।
जातीय जनगणना एक लॉलीपॉप के समान
जातीय जनगणना के संबंध में बेगूसराय जिले के सेवा निवृत प्रोफेसर डॉक्टर शालिग्राम सिंह का कहना है कि जातीय जनगणना एक लॉलीपॉप के समान है। गरीब वर्ग और सभी सामान्य वर्ग के लोगों को ठगने के लिए ऐसा किया गया है। बिहार में बेरोजगारी है, भुखमरी है, युवक सड़क पर घूम रहे हैं, उनके पास कोई काम नहीं है। शिक्षा का स्तर गर्त में जा रहा है। जो समाज के सबसे निचले स्तर पर हैं, उनको ऊपर उठाने का काम नहीं किया जा रहा है। इसलिए मैं समझता हूं कि जाति जनगणना बस एक धोखा है। पहले बेरोजगारी, अशिक्षा और कुपोषण जैसे समस्याओं का समाधान हो जाए, इसके बाद इस पर विचार किया जाता तो बेहतर होता।
जिस जाति की संख्या कम उसको संरक्षण अधिक
सीतामढ़ी जिला के प्रबुद्ध नागरिक नीरज गोयनका का कहना है कि बिहार सरकार ने आज जातिगत जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों की घोषणा कर दी। प्रथम दृष्टया में ये 82% हिंदुओं को बांटने की बड़ी साजिश दिखती है। अभी ठाकुर और ब्राह्मण विवाद को दी जा रही हवा को आप इस परिपेक्ष में देख सकते हैं। जहां तक इसकी विश्वसनीयता का सवाल है तो इस पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है। एक जाति के नेता का बयान भी आ गया कि उनकी जाति की संख्या को कम कर के दिखाया गया है। मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि लोहार/ बढ़ई जाति के लोगों ने तो अभियान चलाकर अपनी जाति गणना नहीं कराई बल्कि अन्य के स्तंभ में अपनी प्रविष्टि कराई। इसी प्रकार अति पिछड़ी जाति के नेता पूर्व से ही तेली, तमोली, कानू, दांगी आदि जाति को इस संवर्ग में रखने को तैयार नहीं हैं। इस पर एक मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित भी है। जहां तक प्रभाव का प्रश्न है तो ‘जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी’ का नारा बुलंद होगा और प्रदेश को उन्माद में झोंकने की कोशिश होगी। होना यह चाहिए कि जिस जाति की संख्या कम उसको संरक्षण अधिक मिलना चाहिए।
इसके फायदे उस दलगत हिस्से से तलाश कर रहे हैं
दरभंगा जिला के साहित्यकार व वरिष्ठ पत्रकार मनोरंजन ठाकुर ने कहा कि आज बिहार सरकार की जाति आधारित जनगणना के आकंड़े पर अपना विचार रखते हुए कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना सिर्फ एक आंकड़ा है। विकास के सामुच्य लिए संभावनाओं को तलाशती दिख रही है। वही समाज के भीतर की मूल परत खोलती है अगर इसे, वर्ग, धर्म के साथ रोजगार, पेशा की एक विस्तृत, निर्विकार भाव में निस्वार्थ रिपोर्ट मानें तो पैमाना, आकार, जरूरत विस्तार लिए जरूर दिखेगा। लेकिन इसके फायदे उस दलगत हिस्से से तलाश कर रहे हैं जहां राजनीति, खासकर चुनावी गणित का समीकरण सीधा और स्पष्ट कोण में दिखता है।
महा धरना के दौरान टूटा भाजपा नेताओं का सभा मंच – फोटो : अमर उजाला
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बिहार के दरभंगा में एम्स निर्माण की मांग को लेकर सोमवार से भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने अनशन शुरू किया गया है। अनशन स्थल पर मंच अचानक से टूटा गया। इस घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई। इस वजह से मंच और उसके आसपास मौजूद भाजपा नेता, कार्यकर्ता तथा पत्रकार खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
मंच पर ज्यादा लोगों के चढ़ने की वजह से हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, भाजपा के द्वारा दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर शोभन बाईपास वाली जमीन पर शुरू किए गए अनिश्चितकालीन अनशन और महा धरना कार्यक्रम में मंच पर ज्यादा लोगों के होने कारण मंच टूट गया। इस दौरान दरभंगा और मधुबनी के सांसद व विधायकगण बाल-बाल बच गए। इस दौरान मंच पर बैठे कई भाजपा नेताओं को हल्की चोट भी लगी है। सभास्थल पर अफरातफरी का माहौल हो गया है। सभी कार्यकर्ता इधर-उधर भागते हुए दिखे। मंच टूटने के कारण कई पत्रकारों को भी हल्की चोटें आई हैं।
‘जनता को बरगलाने का काम छोड़े बिहार सरकार’
जानकारी के मुताबिक, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने महा धरना को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार राज्य की आठ करोड़ जनता को बरगलाने काम छोड़कर एम्स निर्माण के लिए दो सौ एकड़ जमीन उप्लब्ध कराए। मानक के अनुरूप जमीन का समतलीकरण कराकर बिजली-पानी और समुचित सड़क जो एम्स निर्माण के लिए मानक है, उसे पूरा करा कर दे।
‘एम्स निर्माण के लिए केंद्र का सहयोग कीजिए’
सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार 2015 के बजट में ही 750 बिस्तरों के एम्स अस्पताल के निर्माण के लिए 1,264 करोड़ रुपये निर्गत कर चुकी है। उन्होंने बिहार की सरकार से कहा कि इधर-उधर करना बंद कीजिए और मानक की पूर्ति करते हुए दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए केंद्र सरकार का सहयोग कीजिए। सांसद ने कहा कि हम संपूर्ण राजनीतिक दलों से आग्रह करेंगे कि सभी लोग अपनी-अपनी राजनीति से ऊपर उठकर एम्स निर्माण के लिए केंद्र सरकार का सहयोग करिए।
प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह व अन्य – फोटो : अमर उजाला
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केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर लालू यादव, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के साथ-साथ राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। बेगूसराय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मनरेगा के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाला करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा ममता बनर्जी पर अर्बन नक्सल होने के साथ-साथ अपने विरोध में बोलने वाले पर किंग जॉन की तरह हत्या करने का आरोप लगाया है। मनरेगा मामले में उन्होंने बंगाल सरकार पर ओछी राजनीति करने करने का आरोप लगाया।
‘ममता बनर्जी ने मृतकों के नाम पर उठाया पैसा’
सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता गरीब जनता को बहलाकर दिल्ली लाने और राजनीति महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए धरना देने वाली हैं। अगर ममता बनर्जी इतनी मेहनत सरकार के कल्याणकारी कार्यों को सही तरीके से गरीबों तक ले जाने में केंद्र सरकार की मदद करतीं तो आज पश्चिम बंगाल विकास की नई गाथा लिख रहा होता। उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि अंत्योदय की जगह सरकारी स्कीमों का फायदा अपने-अपने लोगों तक पहुंचाने को महत्वपूर्ण मानती हैं।
पूरे मसले से नाराज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अब वह दिल्ली जाकर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपेंगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मनरेगा में हजारों करोड़ों रुपये का घोटाला करने का बड़ा आरोप लगाया है। उसकी उन्होंने सीबीआई जांच कराने की धमकी दी है।
गिरिराज सिंह ने मनरेगा में ममता बनर्जी द्वारा पांच लाख नाम हटाने का आरोप लगाया है। वहीं, उन्होंने मृतक के नाम पर पैसा उठाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि जांच में पांच लाख लोग ऐसे मिले हैं जो या तो मर चुके हैं या जो पंचायत में कभी रहते ही नहीं थे।
‘जातीय जनगणना जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ भी नहीं’
वहीं, जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी होने को लेकर गिरिराज सिंह का बड़ा बयान आया है। गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि ये जातीय जनगणना जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ भी नहीं है। उन्होंने बिहार द्वारा जारी जातीय जनगणना के आंकड़ों को लेकर भी सवाल खड़े किए। गिरिराज सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना की जगह लालू सरकार और नीतीश सरकार के 33 साल की सरकार को जॉब रिपोर्ट सौंपने की बात कही। जिसका लाभ कितने गरीबों को मिला।
गिरिराज सिंह ने कहा कि जहां लोग आज चांद पर जा रहे हैं। वहीं, लालू और नीतीश कुमार की सरकार जनगणना कराकर जनता की आंखों में धूल झोंकने के काम में लगी है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि लालू और नीतीश कुमार में लुका-छुपी का खेल जारी है। लेकिन नीतीश कुमार का दरवाजा एनडीए में पूरी तरीके से बंद हो चुका है।
‘राहुल गांधी सीजनल हिंदू हैं’
वहीं, गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सोशल मीडिया एक्स पर हिंदू पर साझा की गई पोस्ट पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने राहुल गांधी को सीजनल हिंदू बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग आज तक अपने दादा के मजार पर झांकने गए, वो आज हिंदू पर बात करें। उन्होंने वोट बैंक के लिए हिंदू को मोबिलाइज करने की बात कही। गिरिराज सिंह ने कहा कि ये वही राहुल गांधी है जो विदेश में जाकर भारत की शिकायत करते हैं।
इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने ठाकुर वाले बयान को लेकर लालू यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू यादव इस मसले पर माफी मांगेंगे। पर लालू यादव पुत्र मोह में अभी ठाकुर और ब्राह्मण को गाली देने का काम कर रहे हैं।
विष्णुपाद मंदिर क्षेत्र से श्रद्धालुओं से लूटे गए जेवरात और नकदी हुए बरामद – फोटो : अमर उजाला
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बिहार के गया के ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में श्रद्धालुओं के सोने-चांदी के सहित अन्य कीमती सामान की चोरी करने वाली मधु आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई। गया पुलिस ने उत्तर प्रदेश के चोर गिरोह के मुख्य सदस्य मधु के साथ गैंग के छह अन्य महिला सदस्यों को हिरासत में लिया है। यह गिरफ्तारी एक विशेष ऑपरेशन के दौरान विष्णुपाद मंदिर परिसर में तैनात गए पुलिस के जवानों द्वारा की गई। पुलिस ने उन लोगों के पास से चोरी का सोने-चांदी के जेवरात सहित अन्य सामान बरामद किया है।
हल्ला हुआ तो पकड़ी गई महिला चोर
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश के भोपाल जिले की रहने वाली तीर्थयात्री सीमा चौरसिया विष्णुपाद मंदिर से पिंडदान कर लौट रही थीं। इसी बीच भीड़भाड़ का फायदा उठाकर महिला पिंडदानी के गले से सोने की चैन काट कर एक महिला भाग रही थी। इसी दौरान में पीड़ित महिला हल्ला करने लगी। विष्णुपाद मंदिर परिसर में तैनात पुलिस के जवानों ने उत्तर प्रदेश के जिला संत कबीर नगर अंतर्गत खलीलाबाद के रहने वाले दिलीप कुमार की पत्नी मधु को पकड़ लिया। साथ ही पुलिस ने पकड़ी गई आरोपी महिला की दूसरी महिला सदस्य शिल्पा कुमारी को भी धर-दबोचा। गिरफ्तार दोनों महिला चोर के पास से काफी संख्या में पिंडदानियों से चोरी किए गई सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए गए।
निशानदेही पर गिरोह के पांच और महिला सदस्य गिरफ्तार
महिला चोर गैंग की मुख्य सदस्य मधु की निशानदेही और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मेला क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से पांच अन्य महिला सदस्य गिरफ्तार की गईं। गिरफ्तार आरोपी महिलाओं की पहचान उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जिला के रामनगर थाना क्षेत्र निवासी प्रिंस कुमार की पत्नी रोशनी, गोरखपुर जिला के कवियारगंज निवासी राजेश की पत्नी प्रेमलता और थाना सिकरीगंज के काशीमपुर जीगरी मोहल्ला निवासी बिस्सु प्रसाद की पत्नी उषा देवी के रूप में की गई है। हालांकि दो आरोपी महिला बिहार के समस्तीपुर के तब्बू उर्फ तनुजा और पूजा कुमारी के रूप में की गई।
देश के हर मेले में लूट को अंजाम देने पहुंच जाता है मधु गैंग
सूत्रों के मुताबिक, मेला क्षेत्र से गिरफ्तार उत्तर प्रदेश की महिला चोर गैंग की सदस्यों से पूछताछ की गई तो कई खुलासे हुए। आरोपी महिलाओं ने बताया कि देश में जहां भी भीड़भाड़ वाले मेले का आयोजन होता है। गैंग की सभी सदस्या वहां पहुंच कर भीड़ का फायदा उठाकर छिनैती और चोरी की घटना को अंजाम देती हैं।
चोरी का यह सामान हुआ बरामद
गया के सीनियर एसपी आशीष भारती ने बताया कि विष्णुपाद थाना क्षेत्र के विष्णुपाद मंदिर क्षेत्र में भीड़भाड़ का फायदा उठाकर पिंडानियों से छिनैती और लूट को अंजाम देने वाले उत्तर प्रदेश के महिला चोर गिरोह की मुख्य सदस्य मधु के साथ-साथ गिरोह की छह अन्य महिला सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार महिला चोर के पास से पिंडदानियों से छिनैती और चोरी किए गए जेवरात और रुपये बरामद किए गए हैं। इनमें सोने की चार चेन, तीन कानवाली, मंगलसूत्र समेत दो सोने के लॉकेट, एक बजरंगबली का लॉकेट, तीन चांदी की बिछिया, सात चांदी की पायल और 11 हजार सात सौ 41 रुपये नकदी बरामद की गई।
बिहार सरकार ने बहुप्रतीक्षित जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है जबकि 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है। वहीं, राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या सबसे कम 21,99,361 है। जो कुल आबादी का 1.68% है।
आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है। आइये जानते हैं कि बिहार जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट क्या है? किस जाति की कितनी आबादी है? किन जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है? सबसे कम किस जाति के लोग हैं? धर्मवार आंकड़े क्या कहते हैं? पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी कितनी है?
किस जाति की कितनी हिस्सेदारी?
जातिगत जनगणना के आंकड़े कहते हैं कि राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जो 2011 की जनगणना के मुकाबले 25.5% से ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी राज्य की जनसंख्या का 63 फीसदी से भी ज्यादा है। इनमें 27 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी जातियां तो 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके साथ ही कुल आबादी में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी करीब 15.52 फीसदी है।
राज्य की 14.26 फीसदी आबादी सिर्फ यादव जाति की
प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव समुदाय की है। इस समाज की कुल आबादी 1,86,50,119 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 14.26% है। रिपोर्ट में यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला को रखा गया है।
इसके बाद दुसाध सबसे ज्यादा संख्या वाली जाति है जो दलित पासवान समुदाय से जुड़ी है। इनकी कुल आबादी 69,43,000 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी करीब 5.31% है। सरकार ने दुधास जाति में दुसाध, धारी, धरही का जिक्र किया है।
पांच फीसदी से ज्यादा आबादी वाली जातियों में तीसरी जाति चर्मरकार जाति की है। राज्य में इस समुदाय के कुल 68,69,664 लोग रहते हैं। जो राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 5.25 फीसदी है। सर्वे में इस समुदाया में चमार, मोची, चमार – रबिदास, चमार – रविदास, चमार – रोहिदास, चर्मरकार का जिक्र किया गया है।
13 जातियां ऐसी जिनकी आबादी दो से पांच फीसदी
सबसे ज्यादा आबादी वाली जातियों में चौथे नंबर पर कुशवाहा (कोईरी) जाति का है। इस समुदाय की कुल आबादी 55,06,113 है। हिस्सेदारी के लिहाज से इस समुदाय की कुल आबादी में 4.21 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, 49,95,897 शेख आबादी है। जो जनसंख्या का 3.82% हैं। सबसे ज्यादा आबादी वाली जातियों में छठवें नंबर पर ब्राह्मण जाति आती है। इस समाज के कुल 47,81,280 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.65% हैं। मोमिन (मुस्लिम) जिनमें जुलाहा और अंसारी ही शामिल हैं समाज के 46,34,245 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.54%हैं।
राजपूत सबसे ज्यादा आबादी वाली आठवीं जाति है। इस समाज के 45,10,733 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.45% है। वहीं, मुसहर की आबादी 40,35,787 है। जो कुल आबादी का 3.08% है। दसवें नंबर पर कुर्मी जाति आती है। इसी समाज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आते हैं। इस जाति की राज्य में कुल आबादी 37,62,969 है। बिहार की जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 2.87% है।
राज्य की 2.86 फीसदी आबादी भूमिहार समाज से आती है। इनकी कुल संख्या 37,50,886 है। तेली समुदाय के 2.81 फीसदी लोग बिहार में रहते हैं। बिहार की सबसे ज्यादा आबादी वाली 12वीं जाति के कुल 36,77,491 लोग हैं। 34,10,093 मल्लाह जाति के लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 2.60% है। वहीं, बनिया जाति के 30,26,912 लोग हैं। जो कुल आबादी का 2.31% है। इसी तरह कानू जाति के 28,92,761 लोग हैं। जो कुल आबादी का 2.21%। दो फीसदी से ज्यादा की कुल 16 जातियां बिहार में हैं। इनमें 16वें नंबर पर धानुक जाति आती है। इनकी कुल संख्या 27,96,605 है। यह कुल आबादी का 2.14% है।
इन जातियों की आबादी हजार से भी कम
जातिगत सर्वे में शामिल 215 जातियों में से 27 जातियां ऐसी हैं जिनकी आबादी एक हजार से भी कम है। इनमें से सात तो ऐसी जातियां हैं जिनकी आबादी 200 से भी कम है। ढेकारु की संख्या 190, विरजिया 169, हो 143, सौटा (सोता) 107, कोरकू 102, जदुपतिया 93 और भास्कर 37 हैं।
सारण में बेखौफ अपराधियों ने कार सवार तीन भाइयों को कार से खींचकर गोली मार दी, जिससे एक भाई की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अपराधियों ने इसके बाद उनदोनों भाइयों पर भी फायरिंग की, लेकिन दोनों भाई किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाए। घटना रसूलपुर थाना अंतर्गत टोल प्लाजा के समीप की है। मृतक की पहचान रसूलपुर थाना क्षेत्र के चपरैठा गांव निवासी दिलीप गिरी के पुत्र सूरजकांत गिरी (25) के रूप में की गई है।