Warning: ftp_nlist() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 438

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_nlist() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 438

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 764

Warning: ftp_nlist() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 438

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_nlist() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 438

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 764

Warning: ftp_mkdir() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 580

Warning: ftp_nlist() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 438

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: ftp_pwd() expects parameter 1 to be resource, null given in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-admin/includes/class-wp-filesystem-ftpext.php on line 230

Warning: sprintf(): Too few arguments in /home/livemung/domains/livemunger.in/public_html/wp-content/themes/masterstroke/assets/lib/breadcrumbs/breadcrumbs.php on line 252
इजरायल और ईरान के बीच हुई भीषण जंग तो भारत पर पड़ेगा क्या असर? समझें, 5 पॉइंट्स में

इजरायल और ईरान के बीच हुई भीषण जंग तो भारत पर पड़ेगा क्या असर? समझें, 5 पॉइंट्स में

Read Time:9 Minute, 57 Second


Israel Iran Conflict Impact on India: पश्चिम एशिया एक बार फिर तनाव, हिंसा और दम तोड़ती कुटनीति की वजह से चर्चा में है. पेजर हमलों से शुरू हुआ ये हालिया तनाव अब ईरान की दहलीज तक पहुंच गया है. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद  ईरान ने 1 अक्तूबर 2024 की रात करीब 200 मिसाइलें दाग दीं. इसके बाद इजरायल ने अब जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है. इजरायल और ईरान के हमलों के बीच भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं. 

भारत के लिए क्या है चिंताएं?

भारत के इजरायल के साथ अच्छे संबंध हैं जबकि ईरान के साथ भारत का सांस्कृतिक संबंध है. अगर पश्चिम एशिया में एक बार फिर से जंग की लपटें उठती हैं तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा. इजरायल और ईरान के बीच का तनाव न केवल पश्चिम एशिया बल्कि दुनिया भर के लिए चिंता का विषय है.

इस तनाव का सीधा असर भारत पर भी पड़ सकता है, विशेषकर आर्थिक, कूटनीतिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से.  भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए ईरान को लेकर ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत सरकार की तरफ से कहा है, “हम इस इलाके में सुरक्षा की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.” विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में लिखा गया है कि भारत पश्चिम एशिया की हालिया घटनाक्रम को लेकर चितिंत है.

किन मोर्चों पर भारत पर पड़ेगा असर?

ईरान और इजरायल के बीच हो रहे संघर्षों में भारत के हितों के पीसने की आशंका है. इसमें कच्चे तेल और कुटनीतिक चुनौतियां सबसे अव्वल हैं. एबीपी न्यूज़ ने विदेश मामलों के जानकार और थिंक टैंक इमेजिन इंडिया के प्रेसिडेंट रॉबिंद्र सचदेव से इजरायल-ईरान के बीच संभावित जंग के बाद भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर बातचीत की है. 

रॉबिन्द्र सचदेव कहते हैं, अगर ईरान और इजरायल आपस में टकराते हैं तो कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता आएगी. आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए ये असहज करने वाली स्थिति होगी. ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का सीधा असर भारत के कच्चे तेल के आयात पर पड़ेगा. पश्चिम एशिया से होने वाला तेल निर्यात प्रभावित होने की संभावना है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होगा. भारत का आयात बिल बढ़ सकता है, जिससे घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ेगा और मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है.”

पश्चिम एशिया में काम करने वाले भारतीय कामगारों का क्या?

भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई),  सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, क़तर और कुवैत में करीब 90 लाख भारतीय रह रहे हैं. जिसमें 35 लाख से ज्यादा भारतीय यूएई में रहते हैं. वहीं सऊदी अरब में करीब 25 लाख, कुवैत में 9 लाख, कतर में 8 लाख, ओमान में करीब 6.5 लाख और बहरीन में करीब तीन लाख से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं. वहीं अगर ईरान की बात करें तो यह संख्या 10 हजार और इसराइल में 20 हजार है. यहां रह रहे भारतीय वहां से भारत अच्छी खासी रकम भेजते हैं. इन पैसों से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना रहता है.

रॉबिन्द्र सचदेव कहते हैं, विदेशी श्रमिकों की सुरक्षा और रेमिटेंस भी एक विषय है. पश्चिम एशिया में लाखों भारतीय काम करते हैं. यदि यह क्षेत्र अस्थिर हो जाता है, तो उनकी सुरक्षा और रोजगार दोनों खतरे में पड़ सकते हैं. कुछ भारतीय श्रमिकों को देश वापस लौटना पड़ सकता है, जिससे भारत में आने वाली रेमिटेंस (विदेश से भेजे गए पैसे) में कमी हो सकती है. भारतीय रेमिटेंस का एक बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र से आता है, जो भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है.”

चाबहार पोर्ट का भविष्य

भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट का विशेष रणनीतिक महत्व है. यह पोर्ट न केवल मध्य एशिया तक भारत की पहुंच बनाता है बल्कि इसे पाकिस्तान और चीन के ग्वादर पोर्ट का एक विकल्प भी माना जाता है. यदि ईरान में अस्थिरता बढ़ती है, तो इस पोर्ट पर भारत के आर्थिक और रणनीतिक हित प्रभावित हो सकते हैं.

विदेश मामलों के जानकार रॉबिन्द्र कहते हैं,  “अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव भी भारत की स्थिति असहज कर सकता है. समुद्री व्यापार मार्गो, खासकर स्वेज नहर के जरिए, होने वाले भारतीय निर्यात और आयात पर असर पड़ सकता है. इस वजह से भारतीय माल की शिपिंग लागत बढ़ सकती है और एक्सपोर्ट्स महंगे हो सकते हैं. इससे भारतीय व्यापारिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है. इसके अलावा ईरान-इजरायल के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती भी है. भारत की कूटनीति के लिए यह तनाव विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है क्योंकि भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं. एक तरफ भारत का ईरान के साथ चाबहार पोर्ट और एनर्जी सेक्टर में अहम साझेदारी है, वहीं दूसरी ओर इजरायल के साथ भारत की रक्षा और तकनीकी साझेदारी मजबूत है. इस संघर्ष में किसी एक पक्ष का समर्थन भारत के लिए कूटनीतिक संकट पैदा कर सकता है.”

इजरायल से भारत रक्षा उपकरणों का बड़ा आयातक है. यदि इजरायल इस तनाव में अधिक उलझता है, तो इससे भारत को मिलने वाली रक्षा सामग्री की आपूर्ति में देरी हो सकती है. इजरायल की आंतरिक जरूरतों को प्राथमिकता देने के कारण यह संभव है कि भारत को रक्षा उत्पादों की आपूर्ति में कठिनाई का सामना करना पड़े.

 क्षेत्रीय भू-राजनीतिक प्रभाव

पाकिस्तान का संभावित लाभ: इस तनाव के दौरान पाकिस्तान, अमेरिका और इजरायल के साथ अपने संबंधों का लाभ उठाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकता है. पाकिस्तान के पास ईरान के साथ एक लंबी सीमा है और वह अपने भू-राजनीतिक फायदे के लिए इसे इस्तेमाल कर सकता है. इसके अलावा, पाकिस्तान इस स्थिति का फायदा उठाकर अमेरिका और इजरायल से सामरिक समर्थन प्राप्त करने का प्रयास कर सकता है, जिससे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थितियों पर असर पड़ सकता है.

हालांकि यह तनाव भारत के लिए कई चुनौतियां पेश करता है, लेकिन इसमें कुछ अवसर भी सामने खड़ी हैं. भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में जिस तरह से संतुलन बनाए रखा था, वैसे ही यह स्थिति भारत को मध्यस्थ की भूमिका में आने का मौका दे सकती है. भारतीय विदेश नीति में लंबे समय से गुटनिरपेक्षता और मध्यस्थता की नीति रही है, और इस संकट में भी भारत अपने कूटनीतिक कौशल का इस्तेमाल कर सकता है. इजरायल-ईरान तनाव का भारत पर बहुआयामी प्रभाव हो सकता है.

आर्थिक दृष्टिकोण से यह कच्चे तेल की कीमतों, व्यापार और रेमिटेंस पर असर डालेगा, वहीं कूटनीतिक स्तर पर भारत को संतुलन बनाए रखने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही सुरक्षा और क्षेत्रीय भू-राजनीति भी भारत के लिए महत्वपूर्ण हो जाएगी.

ये भी पढ़ें:

लेबनान में इजरायल के कमांडर समेत 15 फौजियों की गई जानः PM बेंजामिन नेतन्याहू का बयान- 2024 जीत का होगा साल



Source

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

ये हैं भारत के 15 मोस्ट वांटेड, जिन्हें सरकार ने भी माना आतंकवादी, लिस्ट में किस-किसका नाम Previous post ये हैं भारत के 15 मोस्ट वांटेड, जिन्हें सरकार ने भी माना आतंकवादी, लिस्ट में किस-किसका नाम
UN की नौकरी छोड़ क्यों इंडियन पॉलिटिक्स के दलदल में चले आए PK? ऐसी है चुनावी चाणक्य की कहानी Next post UN की नौकरी छोड़ क्यों इंडियन पॉलिटिक्स के दलदल में चले आए PK? ऐसी है चुनावी चाणक्य की कहानी

Discover more from Livemunger.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading