पूर्णिया में लॉज से चल रहा ठगी का रैकेट,5 अरेस्ट: असम, बंगाल और झारखंड के लड़कों को बना रहे थे मोहरा; पड़ताल में कॉपी पर सैकड़ों नंबर मिले – Purnia News
पूर्णिया में मंगलवार को बंगाल के 250 युवाओं के साथ ठगी हुई। सभी को मंगलवार रात पुलिस ने रेस्क्यू किया। इस मामले में जानकारी मिली है कि लॉज से नौकरी के नाम पर ठगी का राकेट चल रहा है। शातिर ठग नौकरी और ट्रेनिंग देने के नाम पर असम, बंगाल और झारखंड के लड
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एसपी के निर्देश पर सदर थाना की पुलिस ने रामबाग के सरना चौक स्थित आधा दर्जन ठिकानों पर मंगलवार रात छापेमारी की थी। इस रैकेट में फंसाए गए पश्चिम बंगाल के 300 युवाओं का रेस्क्यू किया। वहीं, बुधवार को पुलिस ने ठगी के इस रैकेट में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही सैकड़ों नंबर लिखे भी मिले हैं। इन्हीं नंबरों पर कॉल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था।
एक कमरे में रह रहे थे 6 से 10 लड़के
मामले की पड़ताल करने दैनिक भास्कर की टीम सदर थाना क्षेत्र के रामबाग इलाके के सरना चौक स्थित उस लॉज में पहुंची। जहां ठग इन लड़कों को बंधक बनाकर रखते थे। लॉज में पहुंचने पर अधिकांश कमरे इन लड़कों से भरे पड़े मिले। एक कमरे में 6 से 10 लोग रह रहे थे। लॉज में घुसने पर असम, बंगाल और झारखंड के लड़के कमरे में दिखाई दिए।
दैनिक भास्कर के कैमरे पर उस कॉपी की तस्वीर कैद हो गई, जिस पर सैकड़ों नंबर लिखा था। जबकि कुछ लड़के इन नंबर पर कॉल लगा रहे थे। हालांकि, कैमरे पर नजर पड़ते ही सभी को सांप सूंघ गया। वे साइलेंट हो गए। लॉज में 50 से अधिक लड़के दिखाई दिए।
दैनिक भास्कर उस लॉज में पहुंचा, जहां असम, बंगाल और झारखंड के 50 से अधिक लड़के रह रहे हैं।
5 महीने से लॉज में रह रहा था
ठगी के दलदल में फंसे सोना राम, रघुनाथ, रवि राम, अजय मरांडी, सोना राम मुर्मू, विश्वनाथ और सुजीत ने बताया कि उन्हें नेटवर्क मार्केटिंग की बात कहकर पूर्णिया लाया गया था। अधिकांश पिछले 5 महीने से लॉज में रह रहे हैं। 10 से 30 हजार रुपए तक सभी से लिए गए। इसके बाद उन्हें अपने परिचितों का 100 नम्बर निकालने को कहा गया। सभी को वो कॉल करते और प्रोडक्ट खरीदारी करने पूर्णिया बुलाते थे।
नहीं बोल पा रहे थे सही से हिंदी
हालांकि, दैनिक भास्कर के पेंचीदा सवाल में इनका झूठ बेनकाब होता गया। सभी टूटी फूटी हिंदी बोल रहे थे। कुछ को ही ठीक-ठाक हिंदी आती थी। उनका कहना था कि वे पूर्णिया से कपड़े और प्रोडक्ट खरीदते हैं। इसके बाद उपलब्ध नंबरों पर कॉल कर प्रोडक्ट ले जाने को पूर्णिया बुलाते थे। इनके ग्राहक पूर्णिया के नहीं बल्कि बंगाल, ओडिशा और झारखंड से आते हैं। ऐसे में फिर इन्हें पूर्णिया आने की जरूरत क्यों पड़ी। वहीं, बंगाल खुद कपड़ों का बड़ा बाजार है। ऐसे में कपड़े और दूसरे उत्पाद पूर्णिया से खरीदना सवाल खड़े करता है। जबकि ये प्रोडक्ट का रेट तक ठीक से बताने में असमर्थ थे।
लॉज में अब भी ये लड़के ठहरे हुए हैं।
ठगी से जुड़ा शख्स गायब
वहीं लॉज में रह रहे लोकल छात्रों ने बताया कि देर रात कोई लॉज में पहुंचा था। वे कल रात इन्हें कुछ समझा रहे थे। कमरा अंदर से लगा था, इसलिए वे कुछ सुन नहीं सके। लेकिन इतना जरूर लगा इनका ब्रेन वाश किया जा रहा था। सुबह जब वे उठे तो बाकी सभी लड़के लॉज में थे, मगर ठगी के नेटवर्क से जुड़ा वो शख्स गायब दिखा।
पड़ताल में नम्बर लिखी वो कॉपी मिली, जिससे कॉल कर ठगी का खेल चल रहा है।
ट्रेनिंग के नाम पर लेते थे पैसे
दैनिक भास्कर से बात करते हुए एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इन लड़कों को बंगाल से नौकरी के नाम पर पूर्णिया बुलाया गया था। ट्रेनिंग के नाम पर इनसे पैसे लिए जाते थे। यहां पहुंचने पर इन्हें बंधक बना लिया जाता था। उनके कांटैक्ट के लोगों से बात की जाती थी। वैसे ही उनके दोस्तों को ठगा जाता था। जब मामले की पड़ताल की गई, तो काफी लोग ठगी में पकड़ाए। सभी बाहर के थे। सभी लोगों को धोखाधड़ी कर बाहर से पूर्णिया लाया गया था।
अकाउंट ट्रांजैक्शन के भी डिटेल मिले
आयुर्वेद की कंपनी में नौकरी के नाम पर इन लोगों को रखा गया था। ठगी के इस गिरोह में 7 लोग थे। सभी की अपनी टीम थी। नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी की जाती थी। इसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार ठगों में जहांगीर, आरिफ, कैसर, सोनू शामिल है। ये अंतरराज्यीय गिरोह के रूप में काम करते थे। इस केस में 8 लोगों का नाम है। अकाउंट ट्रांजैक्शन के भी डिटेल हैं। बंगाल और झारखंड से इनका कनेक्शन है। स्थानीय लाइनर की भूमिका भी सामने आई है। मामले की पड़ताल की जा रही है।
लॉज में लड़के कॉपी में लिखे नंबरों पर कॉल करते पाए गए।
500 से ज्यादा युवा इस जाल में फंसे
वहीं, इससे पहले मंगलवार को जानकारी देते हुए ठगी के रैकेट में फंसे पश्चिम बंगाल के दक्षिणी दिनाजपुर के रहने वाले अखिल मंडल ने बताया कि ठगी के इस रैकेट में उनकी तरह 500 से अधिक युवा फंसे हैं। सभी पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। जिन्हें काम के बहाने पूर्णिया बुलाकर हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। फिर इन लोगों से अपने रिश्तेदार और परिचितों को यहां बुलवाकर ठगी का काम करवाया जाता था।
लोकल लड़कों की जगह बाहर के लड़कों को फंसाते थे
बंगाल की आयुर्वेदिक कंपनी में नौकरी का सुनहरा मौका। बंगाल में जगह जगह ऐसे पोस्टर लगाते। जिनके ऊपर लिखा होता, लड़के लड़कियों की जरूरत है। सैलरी 17 हजार, रहना खाना फ्री। नौकरी के नाम पर बंगाल से लड़कों को पूर्णिया बुलाकर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे। वे लोकल लड़कों की जगह बंगाल के लड़के को इसमें फांसते थे, ताकि कोई उनके ऊपर हावी न हो सके।
एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इस मामले में 4 गिरफ्तारियां हो चुकी है।
रजिस्ट्रेशन के नाम पर 8,500 और फॉर्म के नाम पर 11,600 फोन पे पर लिए गए। इसके बाद उन्हें 10 दिनों की एक ट्रेनिंग दी गई। एक कमरे में ठहराया गया। प्रत्येक कमरे में 10 लड़के रहते थे। वे एक दूसरे से बात करने से मना करते। कुछ भी पूछने की भी साफ मनाही थी। इसके बाद इन्हें एक ब्लैक फॉर्म दिया गया और पहचान के 100 लोगों के नंबर इसमें डालने को कहा गया। सभी नंबरों पर कॉल करवाया जाता। कॉल करके हाल-चाल लिया जाता था। इसके बाद नौकरी का लालच देने को कहा जाता।
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