साले की पत्नी के साथ करता गन की सप्लाई: भिंडी के खेत में छिपाता हथियार, सेकेंड हैंड स्कॉर्पियो में था तहखाना, पहले ताड़ी बेचता था – Gaya News
गया पुलिस ने शनिवार को कैश, जिंदा कारतूस और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। पुलिस ने इस मामले में महिला समेत तीन को गिरफ्तार किया है। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार महिला का पति अनुज चौधरी ही इन हथियारों का मुख्य तस्कर है।
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अनुज फिलहाल फरार है। गांव वालों के अनुसार, वो ताड़ी के कारोबार से हथियार तस्कर बना। इस दौरान उसने 8 लाख रुपए में सेकेंड हैंड स्कॉर्पियो ली और उसी से हथियार सप्लाई करने लगा।
अनुज ने पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी की। पर उसने पहली पत्नी के भाई (साला) की पत्नी वफ चौधरी को भी अपने साथ रख लिया और इस धंधे से जोड़ लिया।
भास्कर रिपोर्टर ने बेलागंज थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव में जाकर (जहां से हथियारों का जखीरा मिला) अनुज चौधरी, उसके गैंग, हथियार छिपाने और तस्करी के तौर-तरीकों की पड़ताल की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
कैसे आया अनुज का नाम सामने
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि गुप्त सूचना पर पुलिस मानिकपुर गांव में पहुंची। यहां अनुज के घर पर गई। पुलिस को देखते ही मिनता देवी (अनुज की दूसरी पत्नी) भागने लगी। उसे खदेड़कर पकड़ लिया गया। पुलिस ने इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया।
जिस भिंड़ी के खेत में पुलिस ने हथियारों का जखीरा पकड़ा, वो खेत अनुज का नहीं था।
हथियार पलंग के बॉक्स में छिपाकर रखे हुए थे। पुलिस ने सारे हथियार बरामद कर लिए। इसके बाद मिनता देवी की निशानदेही पर उसके घर के पास ही भिंडी के खेत में बोरे में रखे कारतूस को पुलिस ने बरामद कर किया। जिस भिंड़ी के खेत में पुलिस ने हथियारों का जखीरा पकड़ा, वो खेत अनुज का नहीं था।
छापेमारी में 1 राइफल, 6 दोनाली बंदूक, 1 पिस्टल, 2 मैगजीन, 1 देशी कट्टा, 1500 विभिन्न तरह के जिंदा कारतूस, 3 लाख, 74 हजार, 500 रुपए नगद, एक स्कार्पियो, दो बाइक को बरामद करते हुए मिनता देवी और मानिकपुर गांव निवासी काली चरण चौधरी के दो बेटे रंजीत कुमार और राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है। रंजीत और राहुल, अनुज के चचेरे भाई है।
पुलिस ने अनुज की स्कॉर्पियो को जब्त कर लिया है।
ताड़ी कारोबार से स्कॉर्पियो की सवारी तक का सफर
ग्रामीणों ने बताया कि अनुज चौधरी (35) गोली और बंदूक की सप्लाई करने के पहले ताड़ी बेचा करता था। इससे जो कमाई होती, उससे जैसे-तैसे उसका घर चलता था। इसी बीच अनुज का संपर्क हर तरह के गलत धंधेबाजों से हो गया। इसमें से कुछ ने अनुज को गोली बंदूक की सप्लाई इलाके में करने की सलाह दी। उन्होंने उसे बताया कि इसमें काफी कमाई होती है। इसके बाद अनुज इस धंधे से जुड़ गया।
इस बीच अनुज की पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद उसने मिनता चौधरी से दूसरी शादी कर ली। लेकिन शादी महज दिखावा था। दूसरी शादी के बावजूद उसने पहली पत्नी के भाई की पत्नी को अपने साथ रख लिया। अनुज उस महिला के साथ ही हथियारों की सप्लाई करने लगा। उसे अच्छे पैसे मिलने लगे।
इसके लिए उसने एक सेकेंड हैंड स्कॉर्पियो खरीदा। स्कॉर्पियो में हथियार छिपाने के लिए तहखाना भी बनवाया। जहां भी हथियार की सप्लाई करने जाना होता तो वह साले की पत्नी को साथ में रखता ताकि पुलिस को शक न हो।
पहले भी दो बार अनुज के घर पुलिस ने रेड मारी थी पर वहां उन्हें कुछ मिला नहीं था। (फाइल)
ग्रामीणों का कहना है कि बहुत पहले भी दो बार अनुज के घर पुलिस ने रेड मारा था। पर उन्हें कुछ मिला नहीं। इसके बाद से वह गांव में लोगों के बीच खौफ पैदा करने लगा। लोगों को वह धमका कर रखता था कि यदि किसी ने कोई बात पुलिस तक पहुंचाई तो ठीक नहीं होगा।
अनुज के साले की वाइफ वफ अक्सर सलीके के कपड़े पहनकर स्कॉर्पियो से गोली हथियारों की सप्लाई के लिए जाती थी। खुद अनुज भी ढंग के कपड़े पहन कर साथ में निकलता था ताकि पुलिस जब चेकिंग करे तो पकड़ में न आएं।
वफ चौधरी सलीके के कपड़े पहनकर स्कॉर्पियो से गोली हथियारों की सप्लाई के लिए जाती थी।
अनुज ने अपने गिरोह में चचेरे भाई राहुल और रंजीत को भी शामिल कर लिया। साथ ही गांव के ही दो लोगों को भी जोड़ लिया।
इधर, एएसपी अनवर जावेद ने बताया कि इस मामले में जिला पुलिस के अलावा एसटीएफ भी अब जांच में जुट गई है। अनुज हथियार कहां से लाता था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। उसके कौन-कौन परमानेंट ग्राहक हैं, इस बात की भी जांच की जा रही है।
3.15 बोर की गोली की कीमत 150 रुपए
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अनुज एक राइफल 50 हजार से लेकर एक लाख तक के बीच बेचा करता था। साथ ही जैसा माल उतनी ही महंगी कीमत। 9 एमएम के पिस्टल 40 हजार से लेकर 50 हजार के बीच। 3.15 बोर की गोली की कीमत 150 रुपए में बेची जाती थी।
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गया का मोहम्मद अरमान और मोहम्मद गोल्डन गिट्टी के बिजनेस की आड़ में हथियार सप्लाई किया करते थे। गोल्डन राजस्थान की एक फैक्ट्री में चूड़ी बनाने का काम करता था। वो चूड़ी बनाते-बनाते हथियार बनाने लगा।
वहीं, जाति से लोहार विपिन भी डेयरी के बिजनेस की आड़ में घर में पिस्टल और देसी कट्टे बनाता था। इससे पहले वो अलमारी बनाया करता था। हथियार भी वो खुद ही बनाया करता था।
पुलिस और STF को कई महीनों से इन तीनों की तलाश थी। शुक्रवार को चाकंद थाना क्षेत्र के एक आम आदमी ने कारतूस की तस्करी की सूचना दी थी। जिसके बाद STF ने अपना जाल अरमान और गोल्डन के गांव चातर और कटहरी में बिछाया। पूरी खबर पढ़िए
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