नौनो साइंस से ग्रामीण सेक्टर में भी विकास की काफी संभावनाएं – Patna News

नौनो साइंस से ग्रामीण सेक्टर में भी विकास की काफी संभावनाएं – Patna News



सोसायटी को नौनो साइंस काफी कुछ दे सकता है। ग्रामीण सेक्टर में भी विकास को लेकर भी काफी संभावनाएं है। पेयजल से आर्सेनिक निकालने में भी इसका उपयोग साबित हो चुका है। अब पेस्टीसाइड को लेकर भी कार्य करने की जरूरत है। इससे माध्यम से रसायनशास्त्री समाज व दे

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यह बातें विशिष्ट अतिथि तेजपुर विश्वविद्यालय असम के प्रो. आरके दत्ता ने कहीं। वह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के रसायनशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के शुभारंभ के बाद संबोधित कर रहे थे। वह जैव प्रौद्योगिकी और रसायनिक इंजीनियरिंग में नैनोमेटेरियल्स विज्ञान विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीज यदि एकेडमिक के साथ जुड़ जाएं तो समाज के लिए नया करने का अवसर मिलेगा, इससे सभी को लाभ मिलेगा। एनआइटी निदेशक संस्थान के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि नैनो साइंस हर जगह उपलब्ध है। डिवाइस व एप्लिकेशन में बेहतर प्रयोग हो रहे है। एनर्जी स्टोरेज, सेंसर, नौनो मेडिसिन आदि के सेक्टर में भी बेहतर कार्य हो रहे है। इसका लाभ भी समाज को मिलेगा। विज्ञान के सहारे तकनीक को विकसित करना होगा। क्योंकि आज का विज्ञान ही कल की तकनीक है। नैनो मटेरियल सेक्टर में अपार संभावनाएं है। जब एक समय आएगा कि जनसंख्या वृद्धि एक चरम सीमा पर होगा, तब नैनो मटेरियल समस्याओं के निराकरण के लिए सहायक होगा। यह बातें देश के इंस्टीट्यूट आफ फिजिक्स, भुवनेश्वर के निदेशक प्रो. केके नंदा ने कहीं। आइआइटी मुंबई के प्रो. रोहित श्रीवास्तव ने डिवाइस फेब्रीकेशन को लेकर जानकारी दिया। बार्क मुंबई के प्रो. माधव बी मलिया ने नैनो पार्टिकल इन कैंसर सेल एप्लिकेशन को लेकर जानकारी दी।

नैनो मटेरियल की उपयोगिता पर प्रकाश डाला

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. रामाकांत ने औद्योगिक क्षेत्र में नैनो मटेरियल की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आगत अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक सह रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा. सुब्रता दास ने, संचालन डा. संचारी बसु, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा. अनिरूद्ध पाल ने किया। कार्यक्रम में एनआइटी पटना के वरीय प्राध्यापक व आयोजन कोषाध्यक्ष डा. निक्की स्वेता झा, डा. मुकेश कुमार चौधरी, आयोजन समिति के डा. संजीव शर्मा, डा. अभय चौधरी, डा. अवध किशोर, डा. बीएके नायक आदि भी थे। कार्यक्रम के पहले दिन 35 पेपर का प्रस्तुति हुआ। इसमें इटली, यूएसए, मैसिक्को, तुर्की आदि से शोधार्थी शामिल हुए।



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