तमिलनाडु से लौटी 3 सदस्यीय टीम।
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तमिलनाडु विवाद की जांच करने गई 4 सदस्यीय टीम बिहार लौट चुकी है। पटना लौटने के बाद चार सदस्यीय टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। टीम ने कहा कि फेक खबर थी। बिहार मजूदरों के साथ हिंसा की बता अफवाह थी। इस टीम में CID के आईजी पी. कन्नन, विशेष सचिव आलोक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी और STF के एसपी संतोष कुमार शामिल थे।
टीम को लीड कर रहे बाला मुरुगन डी ने कहा कि तमिलनाडु में सभी लोगों के साथ मीटिंग हुई। सभी लोगों से मुलाकात हुई। मुख्य सचिव के साथ भी विचार हुआ। जांच के दौरान सभी वीडियो झूठे पाए गए। फेक वीडियो की वजह से लोगों पैनिक हुए। वीडियो से स्थिति खराब हुई लेकिन अब हालात समान्य हैं।
बिहारी मजूदरों में दहशत उत्पन्न हो गया था
टीम ने गृह विभाग को जांच रिपोर्ट दिया गया। टीम ने जांच में पाया कि अफवाह के कारण बिहारी मजूदरों में दहशत उत्पन्न हो गया था। वायरल वीडियो का बिहारी मजदूरों से कुछ लेना देना भी नहीं था। वीडियो को आधार बनाकर कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब किया। बता दें कि 4 सदस्यीय टीम ने कोयंबटूर और तिरूपुर गई थी। वहां के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की। उनसे हालत जानने की कोशिश की। जांच में पाया कि अफवाह से उत्पन्न हुए डर के कारण बिहार मजदूर घर लौट गए।
नफरत फैलाने वालों से सावधान रहें
इससे पहले तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु मामले पर कहा कि कोई भी इस देश में रहकर अगर घृणा फैलाने का काम करेगा, समाज को बांटने का काम करेगा तो इनसे आपको सावधान रहना चाहिए। तमिलनाडु पुलिस का मानना है कि वहां ऐसी घटना नहीं हुई है ऐसा हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे हैं। वीडियो देखकर ही हम लोगों ने तमिलनाडु में जांच टीम भेजी गई। जो वीडियो वायरल हो रहे थे वह फेक निकला।