पटना विवि की पूर्ववर्ती छात्राएं।
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“अरे यार! ढेर मोटे हो गए, पहचाने में नहीं आ रहे थे।” टोकें या नहीं…यह सोचते हुए जब दो दोस्त मिले तो तीसरे ने भी तत्काल पहचानते हुए दखल दी। “देख दोस्त, हम वाले लड़के-लड़की कैसे साथ बैठकर बात कर लेते थे और हम तो बिन नारी कॉलेज में पढ़े।” … यह सुनते ही जोरदार ठहाके गूंज उठे। बीएन कॉलेज के तीन पूर्ववर्ती छात्र फोन पर कई साल के अंतराल पर बात करते थे, लेकिन इस शताब्दी में जब पहली बार मिले तो ऐसी कहानियां हर दस कदम दूर पर सुनाई दे रही थीं। पटना विश्वविद्यालय के इतिहास में इस तरह सभी बैच के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं का एक साथ सम्मेलन हुआ तो कैंपस में मानो नटखट पिटारे से पुरानी यादों की गांठें खुलने लगीं।