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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राज्यसभा उम्मीदवारों के लिए नामों का एलान कर दिया है।
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राज्यसभा उम्मीदवारों के लिए नामों का एलान कर दिया है। पार्टी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। राजद डॉ. मीसा भारती और डॉ. फैयाज अहमद राज्यसभा के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
बताया जाता है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एमवाई समीकरण से आगे निकल कर ए टू जेड समीकरण बनाने की कवायद में जुटे हैं। लिहाजा वो मीसा भारती और फैयाज अहमद में से किसी एक की जगह कोई भूमिहार उम्मीदवार देने के पक्ष में थे। फैयाज अहमद के नाम पर अंतिम मुहर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने लगाई।
इससे पहले पार्टी ने पहले उम्मीदवार के तौर पर लालू प्रसाद की बेटी मीसा यादव का नाम तय कर लिया था। दूसरे उम्मीदवार को लेकर तरह-तरह की अटकलें लग रही थी, लेकिन बुधवार शाम तक यह साफ हो गया कि लालू प्रसाद यादव एक बार फिर माई समीकरण पर ही भरोसा जता रहे हैं। हालांकि फैयाज अहमद की उम्मीदवारी के आधिकारिक एलान के मसले पर पार्टी फंसी दिखी। लालू प्रसाद अपने पुराने समीकरण पर ही कायम रहे।
नीतीश कुमार के साथ कोई तालमेल नहीं: तेजस्वी
इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को गठबंधन की अटकलों को विराम लगाते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पिता लालू प्रसाद कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। उनके साथ जाति जनगणना के मुद्दे के सहारे फिर से गठजोड़ करने की अटकलों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। विपक्ष के नेता ने यहां और दिल्ली में अपने माता-पिता के आवासों पर हाल ही में सीबीआई के छापे की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध का कायरतापूर्ण कार्य न तो पहला था, न ही आखिरी। तेजस्वी ब्रिटेन से लौटने पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे, जहां उन्होंने भारतीय राजनीति की स्थिति पर बातचीत करते हुए एक सप्ताह बिताया।
तेजस्वी बोले- तो क्या मैं भी भाजपा से गठबंधन के लिए तैयार हूं?
उन्होंने कहा कि जब हम पिछले साल सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो यह पहल मेरी थी, नीतीश कुमार की नहीं। क्या इसका मतलब यह है कि मैं भाजपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार हूं? कृपया बहुत अधिक काल्पनिक न हों। पूर्व डिप्टी सीएम ने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के आरोपों पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया कि छापे भाजपा प्रायोजित थे और इसका उद्देश्य नीतीश कुमार को विपक्षी दल के बहुत करीब आने से रोकना था।