वायरल हुए वीडियो का स्क्रीनग्रैब
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बिहार के औरंगाबाद में परिवहन विभाग की टीम पर हमला करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना चार मई को बारूण थाना क्षेत्र के सनथुआ की बताई जा रही है। हालांकि इस मामले में अब तक परिवहन विभाग ने चुप्पी साध रखी थी। लेकिन बुधवार को दोपहर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग ने मामले की प्राथमिकी बारूण थाना में दर्ज करा दी है।
प्राथमिकी में पांच को नामजद आरोपी बनाया गया है। नामजदों में मदनपुर थाना के गौरा गांव निवासी नवलेश सिंह, आनंद कुमार उर्फ पंडित, देव थाना के प्राणपुर निवासी गोल्डेन कुमार, औरंगाबाद नगर थाना के नावाडीह निवासी नवनीत कुमार और गया जिले के शेरघाटी थाना के वाजिदपुर निवासी अनुज सिंह शामिल हैं।
वायरल वीडियो के मुताबिक, परिवहन विभाग की टीम पर कुछ युवक अवैध वसूली का आरोप लगा रहे हैं। गाली-गलौज भी कर रहे हैं। उसमें यह भी दिख रहा है कि युवक विभागीय जीप के चालक को भी पीट रहे हैं। हालांकि यह वायरल वीडियो कहां का और कब का है, इसकी पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है। हालांकि, वायरल वीडियो के बारे में जब जानकारी ली गई तब पता चला कि यह बारूण थाना क्षेत्र के सनथुआ गांव के पास का है। जहां परिवहन विभाग की टीम एनएच-19 से होकर गुजर रहे वाहनों को रुकवा कर उनसे अवैध वसूली कर रही थी। इस बीच कुछ युवकों की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद युवकों ने परिवहन टीम पर हमला बोल दिया।
इस बारे में पूछे जाने पर जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास ने स्वीकार किया कि चार मई को यह घटना घटी है। घटना के बाद इसकी सूचना बारूण थाना की पुलिस को दी गई थी। उस वक्त पुलिस मौके पर भी आई थी, लेकिन तबतक हमलावर भाग चुके थे। उन्होंने बताया कि तीन मई को परिवहन विभाग ने कोयले की ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाया था। अभियान में पकड़े गए वाहनों पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। अगले दिन चार मई को भी अभियान चलाया जाना था। लेकिन औरंगाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद शहर में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में शामिल थे। अभियान के दौरान ही उन्हें सूचना मिली कि विभाग ने बारूण थाना क्षेत्र में कोयले से ओवरलोड छह वाहनों को पकड़ा था। उन्हें एंट्री माफिया के लोगों ने रंगदारी कर भगा दिया। फिर उनके द्वारा परिवहन विभाग की टीम के साथ बदसलूकी की गई और विभागीय जीप के प्राइवेट ड्राईवर जयनारायण को भी पीटा गया है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो इसी घटना का है।
शैलेश कुमार दास ने कहा कि विभाग अपने सूत्रों के माध्यम से हमलावरों की पहचान में लगा था। मामले की प्राथमिकी वीडियो के वायरल होने के बाद नहीं बल्कि हमलावरों की पहचान होने के बाद दर्ज कराई गई है। वीडियो के वायरल होने की तारीख और प्राथमिकी की तारीख में समानता संयोगवश है।
डीटीओ ने परिवहन विभाग की टीम पर हमला करने वाले युवकों को एंट्री माफिया और कोयला माफिया करार दिया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा उनके काले धंधे पर अंकुश लगाए जाने के कारण ही उनके द्वारा परिवहन विभाग की टीम पर हमला बोला गया है। एंट्री माफिया के विभाग से मिलीभगत के साथ काम करने के सवाल पर डीटीओ ने कहा कि दूसरे विभागों से उनकी सांठगांठ हो सकती है। लेकिन परिवहन विभाग के लोगों से उनकी कोई मिलीभगत नहीं है। अगर विभाग के किसी कर्मी से उनकी सांठगांठ पाई जाती है तो उस कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।