Bihar: तुम मेरा बेटा छुड़वाओ, हम तुम्हारा बेटा छुड़वाएंगे…30 लाख की जगह ऐसा सौदा क्यों हुआ, जानें

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Bihar: तुम मेरा बेटा छुड़वाओ, हम तुम्हारा बेटा छुड़वाएंगे…30 लाख की जगह ऐसा सौदा क्यों हुआ, जानें



तुम मेरा बेटा छुड़वाओ, हम तुम्हारा बेटा छुड़वाएंगे…30 लाख की जगह ऐसा सौदा क्यों हुआ, जानें
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

लाख या दो लाख नहीं, पूरे 30 लाख रुपये कीमत तय हुई। कीमत उसकी जिंदगी की। उसकी घर वापसी की। परिवार की खुशी वापसी की। लेकिन, कुछ तो दांव उलटा पड़ गया। दांव ऐसा पलटा कि भाव की जगह मोल का सिद्धांत लागू हो गया। इस हाथ दो, उस हाथ लो। मुजफ्फरपुर के डॉक्टर पुत्र के अगवा और उसकी वापसी की कहानी में कुछ ही घंटे के अंदर ऐसा ट्वीस्ट आया कि मोल होने लगा- तुम मेरा बेटा छुड़वाओ, हम तुम्हारा बेटा छुड़वाएंगे! पूरी कहानी में अपराधियों के दांव, पुलिस की पकड़, सुराग की समझ और अंतिम तौर पर किस्मत का कनेक्शन है; तभी 8 घंटे के अंदर होम्यापैथ डॉ. एस पी सिंह का अपहृत पुत्र विवेक सकुशल वापस आ गया। वरना!

विवेक की मां के  बेटे की वापसी की कहानी

क्या है पूरा खेल 

भोजपुर जिला के एसपी प्कारमोद कुमार का कहना है कि मुजफ्फरपुर के होम्योपैथिक डॉक्टर का बेटा आरा से बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उधर विवेक की मां सरिता देवी का कहना है की शनिवार की सुबह लगभग सात बजे उन्हें एक कॉल आया था जिसमें यह कहा गया कि आप मेरे बच्चे को छुडवा दें, मैं आपके बच्चे को छोड़ दूंगा। यह कॉल किसने किया यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना स्पष्ट जरुर है कि यह कॉल किसने और क्यों करवाई। उस कॉल के कुछ ही देर बाद सरिता देवी को एक दूसरा कॉल आया जिसमें यह कहा गया कि विवेक आरा में है। दूसरा कॉल मुजफ्फरपुर पुलिस का था जिसमें यह जानकारी दी गई कि स्पेशल टीम विवेक को लाने के लिए आरा निकल गई है।

शनिवार को किसने किया था सौदा के लिए कॉल 

परिजनों के अनुसार होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ एसपी सिंह के मकान में रवि कुमार किराए पर रहता था जिसने अपहरण की साजिश रच दी । शुक्रवार को रवि के शादी की पार्टी एक होटल में रखी गई थी। विवेक को उसके दोस्तों के द्वारा लगातार कॉल कर के होटल में बुलाया जा रहा था। विवेक जैसे ही घर से निकले, पहले से घात लगाए अपराधियों ने उनका फ्लाईओवर के पास अपहरण कर लिया। कुछ देर के बाद फिर उन लडकों के द्वारा उसके परिजनों को फोन कर विवेक के अपहरण की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं फिर अपराधियों ने परिजनों से 30 लाख रूपये की मांग की। पुलिस इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी को एक दूसरे से जोड़ने लगी। और फिर लोकेशन डम्पिंग के दौरान पुलिस को रवि पर शक हो गया। रात के करीब 12:30 बजे पुलिस ने रवि को हिरासत में ले लिया। और फिर अगले दिन सरिता देवी को यह कॉल आया कि आप मेरे बेटे को…….अब आप खुद समझिए कि कॉल किसने और क्यों की…

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