राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी।
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बिहार में महागठबंधन सरकार बने अभी कुछ माह ही बीते हैं और राजद-जेडीयू के बीच रार शुरू हो गई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की नीतीश कुमार की मुहिम पर राजद के वरिष्ठ नेता ने सवालिया निशान लगा दिया है। नीतीश की विपक्षी एकता पर ग्रहण तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के बिहार पहुंचने के बाद ही लग गया था। दरअसल, केसीआर से नीतीश की बात नहीं बनी थी।
अब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मंच से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव सहित सैकड़ों राजद कार्यकर्ताओं के सामने कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करना मुश्किल है। विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना तराजू में मेंढक तौलने जैसा है। आपातकाल के दौर में विपक्षी एकजुटता की कोशिश की गई थी। जेपी के समय में भी काफी प्रयास किए गए, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
विपक्ष को एकजुट करने को लेकर बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, एचडी कुुमारस्वामी, सीताराम येचुरी सहित कई नेताओं से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी।
नीतीश अब आश्रम खोल लें: शिवानंद
इसके साथ ही राजद नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को सलाह दी है कि वे अब आश्रम खोल लें और सीएम की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप दें। पटना में राजद कार्यालय में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में तिवारी ने यह बात कह कर महागठबंधन में बखेड़ा खड़ा कर दिया। तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार को 2025 में कुर्सी छोड़ देना चाहिए। राजद नेता ने सीएम नीतीश कुमार को पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा कि ‘नीतीश कुमार ने कहा था कि वह आश्रम खोलेंगे और आश्रम में राजनीतिक प्रशिक्षण देंगे, इसलिए वह नीतीश कुमार को कहेंगे कि आश्रम वाली बात याद रखिएगा। 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाइए और उसके बाद आश्रम खोलिए। इस आश्रम में वह भी चलेंगे।‘
नीतीशजी अभी आश्रम नहीं खोलेंगे, आप तलाश करें : जदयू
उधर, तिवारी का बयान वायरल होते ही नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने राजद नेता तिवारी को सटीक जवाब दिया। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया ‘बाबा, नीतीश कुमार जी अभी आश्रम नहीं खोलने वाले हैं, करोड़ों देशवासियों की दुआएं उनके साथ है, जो चाहते हैं कि नीतीश जी सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहार और देशवासियों की सेवा करते रहें। मुझको लगता है यदि आपको जरूरत है तो कोई और आश्रम की तलाश कर लें।‘