BJP प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पहुंचे बिहार शरीफ
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बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा शुक्रवार को बिहार शरीफ पहुंचे। उन्होंने मनीराम अखाड़ा पहुंचकर पूजा-अर्चना की। उसके बाद पहड़पुरा निवासी मृत किशोर के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। इससे पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार शरीफ घटना की रिपोर्ट पार्टी को भेजी गई है। बीजेपी इस मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग कर रही है। आज उनके बिहार शरीफ पहुंचने पर पुलिस का सख्त पहरा लगाया गया है। घटना के दिन अगर पुलिस रहती तो मर्डर नहीं होता, गोली नहीं चलती। कार्यक्रम की सूचना पर प्रशासन ने चोरी-छिपे रथ को अखाड़ा पहुंचा दिया। नीतीश कुमार के राज में पूजा पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यह तुष्टीकरण की राजनीति है। सनातनी सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज के माध्यम से कराई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि आठ तारीख को राज्यपाल से मिलकर सरकार की शिकायत करेंगे। इस मामले की रिपोर्ट मांगने का आग्रह करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, इस घटना के बाद दो बार बिहार शरीफ आ चुके हैं। एक बार कानून व्यवस्था और धारा-144 का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया गया। डीएम सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। डेढ़ महीना तक रथ और श्री रामलला की मूर्ति अखाड़ा नहीं पहुंचाई गई, जिसने पत्थर चलाया, जिसने हमला किया और शहर की शांति को तोड़ा उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। निर्दोषों को पकड़कर जेल में बंद किया जा रहा है, जबरन लोगों को केस में फंसाया जा रहा है। प्रशासन निष्पक्ष भाव से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्ता बदली तो सभी फ़ाइल खुलेंगे। प्रशासन को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा हिम्मत है तो उन्हें गिरफ्तार कर दिखाएं।
नीतीश कुमार हैं मेमोरी लॉस सीएम…
सम्राट चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नीतीश कुमार कि अब उम्र हो चली है, वे अब बूढ़े बुजुर्ग हो गए हैं। मेमोरी लॉस सीएम हैं, जितने पार्टी के लोग विपक्षी एकता को लेकर आएंगे। उनसे जरूर आग्रह करेंगे कि लिखवाकर रख लीजिएगा, नहीं तो ये भुला जाते हैं। साल 1977 में जब ये कर्पूरी ठाकुर के नहीं हुए, लालू प्रसाद के नहीं हुए, देवीलाल जी के नहीं हुए, वीपी सिंह जी के नहीं हुए, जॉर्ज साहब के नहीं हुए, शकुनी चौधरी जी के नहीं हुए, स्वर्गीय दिग्विजय सिंह के नहीं हुए और शरद यादव जी के नहीं हुए हैं। ऐसे हजारों की गिनती है, जिसके नीतीश नहीं हुए।
अखाड़ा पर धरने पर बैठे सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष…
जिला प्रशासन के द्वारा चुपके से शुक्रवार की सुबह रामलला का रथ अखाड़ा पर पहुंचा दिया गया। जबकि इसके पूर्व नेता प्रतिपक्ष के साथ ही यह बात तय हुई थी कि सभी सनातन धर्म के लोगों के साथ रथ को अखाड़ा पर पहुंचाया जाएगा। लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा चुपके से रथ को अखाड़ा पर पहुंचा दिया गया। इसी के विरोध स्वरूप बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष, स्थानीय विधायक एवं बीजेपी कार्यकर्ता अखाड़ा पर धरना पर बैठ गए।