विधान मंडल परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी।
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आज भाजपा के सभी विधायक और एमएससी बिहार विभान मंडल के विस्तारित भवन के शिलापट्ट के सामने पहुंचे हैं। भाजपा नेता धरना पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सीएम नीतीश कुमार समेत पूरा विपक्ष आज नए संसद भवन के उद्घाटन पर विरोध कर रहा है। वह जरा बताएं कि सीएम नीतीश कुमार ने कैसे बिहार विधान मंडल के विस्तारित भवन का उद्घाटन कर दिया। उस समय उनके संविधान का ज्ञान कहां गया। उस वक्त उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल से उद्घाटन क्यों नहीं करवाया। इधर, विधान मंडल में भाजपा नेताओं के पहुंचने से पहले ही भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।
भाजपा ने कहा- यह दोहरी मानसिकता नहीं चलेगी
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि आपके विस्तारित भवन दलित विरोध मानसिका झलक रहा है। आप किसी भी कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष या विधानसभा अध्यक्ष को न्यौता नहीं भेजते हैं। संविधान के प्रति आपकी यह दोहरी नीति क्यों है, इसे स्पष्ट करना चाहिए। सम्राट चौधरी ने कहा कि आज हमलोगों ने एक मिनट का मौन कार्यक्रम था। जहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन कार्यक्रम किया, वहां पर राज्यपाल महोदय को नहीं बुलाया गया। नीतीश कुमार जी बताना चाहिए कि जब देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं थी तो क्या आपके सहयोगी दल राजद ने वोट किया था। यह दोहरी मानसिकता नहीं चलेगी। भाजपा इसका विरोध करती है।
नए और विस्तारित भवन में फर्क नहीं जानते भाजपा वाले
वहीं इस मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि विस्तारित भवन और नए भवन में अंतर है। क्या भाजपा इतना भी फर्क नहीं समझ रही है। मुख्यमंत्री ने विस्तारित भवन का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से क्यों नहीं करवाया जा रहा है। लोकतंत्र का मंदिर होता है संसद लेकिन भाजपा वालों को इसका ध्यान नहीं।